Friday, February 4, 2011

hi

कृपया अपने विचारों से अवगत कराये की इसे कैसे चलाया जाये

2 comments:

  1. सर्वेश जी बडा अच्‍छा लगा। ये देखकर की आप ब्‍लॉग पर आ गए हैं। बहुत जरुरत थी। जयपुर में वैसे ही कला समीक्षक ना के बराबर हैं उपर से अन्‍तरजाल जगत में तो निर्वात सा ही था।
    हालांकि मैं स्‍वयं ब्‍लॉगिग नहीं करता लेकिन आप जैसे समीक्षक को पढना जरुर पसंद करुंगा।
    बतौर एक कलमकार मैं चाहूंगा कि कला जगत की वो बातें यहां आप के कीबोर्ड से टंकित हों जो अखबार की कलम से पिंटिंग प्रेस की स्‍याही तक मेल नहीं खा पाती। जी हां, जयपुर के कला फलक की वो बातें, जो अखबार तक पहुंचना मुमकिन नहंी, ब्‍लॉग के जरिए हम तक पहुंचे।
    इसी कामना के साथ, बधाई। सक्रिय रहें

    Amit Sharma
    Writer & Journalist
    www.patrkar.com
    9829014088

    ReplyDelete
  2. मैं अमित की बात से पूरी तरह सहमत हूं. आप इसे कला जगत का एक खुला मंच बनाएं. हम सब आपके साथ हैं.

    ReplyDelete