सर्वेश जी बडा अच्छा लगा। ये देखकर की आप ब्लॉग पर आ गए हैं। बहुत जरुरत थी। जयपुर में वैसे ही कला समीक्षक ना के बराबर हैं उपर से अन्तरजाल जगत में तो निर्वात सा ही था। हालांकि मैं स्वयं ब्लॉगिग नहीं करता लेकिन आप जैसे समीक्षक को पढना जरुर पसंद करुंगा। बतौर एक कलमकार मैं चाहूंगा कि कला जगत की वो बातें यहां आप के कीबोर्ड से टंकित हों जो अखबार की कलम से पिंटिंग प्रेस की स्याही तक मेल नहीं खा पाती। जी हां, जयपुर के कला फलक की वो बातें, जो अखबार तक पहुंचना मुमकिन नहंी, ब्लॉग के जरिए हम तक पहुंचे। इसी कामना के साथ, बधाई। सक्रिय रहें
Amit Sharma Writer & Journalist www.patrkar.com 9829014088
सर्वेश जी बडा अच्छा लगा। ये देखकर की आप ब्लॉग पर आ गए हैं। बहुत जरुरत थी। जयपुर में वैसे ही कला समीक्षक ना के बराबर हैं उपर से अन्तरजाल जगत में तो निर्वात सा ही था।
ReplyDeleteहालांकि मैं स्वयं ब्लॉगिग नहीं करता लेकिन आप जैसे समीक्षक को पढना जरुर पसंद करुंगा।
बतौर एक कलमकार मैं चाहूंगा कि कला जगत की वो बातें यहां आप के कीबोर्ड से टंकित हों जो अखबार की कलम से पिंटिंग प्रेस की स्याही तक मेल नहीं खा पाती। जी हां, जयपुर के कला फलक की वो बातें, जो अखबार तक पहुंचना मुमकिन नहंी, ब्लॉग के जरिए हम तक पहुंचे।
इसी कामना के साथ, बधाई। सक्रिय रहें
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मैं अमित की बात से पूरी तरह सहमत हूं. आप इसे कला जगत का एक खुला मंच बनाएं. हम सब आपके साथ हैं.
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