Tuesday, February 8, 2011

पूर्वजो ने जो दिया है उसे तो गालो

मंगलवार को चित्रकार गोपाल स्वामी खैतांची की पेंटिंग exhibition का उद्घाटन करने के बाद उस्ताद vasiffudeen डागर से थोड़ी देर गुफ्तगू करने का मौका मिला...........ध्रुवपद को ही अपना ओढना बिछोना बनानेवाले इस तपस्वी कलाकर से जब ध्रुवपद में परिवर्तनों को लेकर चर्चा हुई तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा पूर्वजो ने जो दिया है उसे तो गालो.....अभी तो हम वो ही पूरी तरह नहीं सहेज पाए हैं......कलाकार कल का आकर होते हैं इसलिए उनपर बड़ी जिम्मेदारी होती है....भारत लोकतान्त्रिक देश है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को है....परिवर्तन करो पर ऐसा मत करो की मुह की जगह नाक से गाने के प्रचलन हो जाये.....डागर की पीड़ा वाकई सोचने और मनन करने योग्य है....आमीन

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