प्रयाग शुक्ल के बयान पर बोले ललित कला अकादमी के एक्स चेयरमैन डॉ. सी.एस. मेहता
सिटी रिपोर्टर. कल्चरल पॉलिसी पर बुधवार को प्रकाशित प्रख्यात लेखक प्रयाग शुक्ल के बयान को सिरे से नकारते हुए राजस्थान ललित कला अकादमी के पूर्व चेयरमैन और कलाविद डॉ. सी.एल. मेहता ने कहा है कि पॉलिसी ही इस देश की संस्कृति को बाहरी हमलों से बचा सकती है। उन्होंने इस संबंध में भरत नाट्यम नृत्यांगना गीता चंद्रन के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि हमारे देश के बुद्धिजीवी बड़े ही विचित्र विरोधाभास के बीच फंसे हुए हैं। एक ओर उन्हें सरकार से यह शिकायत रहती है कि वह संस्कृति से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान नहीं देती है और दूसरी ओर जब सरकार विशेषज्ञों के राय लेकर सांस्कृतिक नीति बनाने की बात करती है तो हम यह कहने लगते हैं कि इससे सरकारी दखल बढ़ेगा, इसलिए यह काम समाज पर छोड़ देना चाहिए। हमारा समाज कई वर्गों में बंटा हुआ है इसलिए ऐसे मुद्दों पर कभी एक राय कायम ही नहीं हो सकती। सरकार ऐसा समूह है जो समाज की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती है और उसके द्वारा किए गए कार्य समाज का निर्णय ही माना जाता है। मैंने कई साल पहले सरकारी स्तर पर इस बहस को आगे बढ़ाया था तथा सांस्कृतिक नीति का मसविदा भी लोगों की राय से तैयार किया था।
आगे आए सरकार
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि अब समय आ गया है कि कल्चरल पॉलिसी जैसे गंभीर मुद्दे पर वह नए सिरे से विचार करे ताकि आने वाले समय में अन्य देशों की भांति हमारी संस्कृति भी गौरव से सिर उठाकर खड़ी हो सके।
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